एक जून से पाँच जून तक पहला ट्रैक जिसमें पर्यटक लीती और नामिक गाँव के होमस्टे में रुककर पहाड़ी रहन सहन और ख़ान पान, कीवी फल की खेती की जानकारी, लोक कला संस्कृति झोडा चाचरी , लोकल उत्पादों को क़रीब से समझेगा और नामिक ग्लेशियर ट्रैक की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट भी तैयार करेगा
नामिक ग्लेशियर |
बागेश्वर। उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा नामिक ग्लेशियर को 2018 में ट्रैक ऑफ़ द ईयर चुना गया। नामिक ग्लेशियर की ऊँचाई समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। नामिक ग्लेशियर पिथौरागढ़ के अंतिम गाँव नामिक से सटा हुआ ग्लेशियर है। क्षेत्रवासीयों का कहना है कि 2018 में शासन द्वारा नामिक ग्लेशियर को ट्रैक ऑफ़ थे ईयर चुने जाने के बाद भी आज तक किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया जिससे कि नामिक गाँव और ग्लेशियर में पर्यटकों को आवाजाही हो।
दृश्य नामिक ग्लेशियर |
युवा समाजसेवी भूपेन्द्र कोरंगा ने बताया कि नामिक ग्लेशियर ट्रैक में पर्यटकों की आवाजाही से बिचला दानपुर के लीती, गोगिना और बाग़ेश्वर जनपद का अंतिम गाँव कीमू सहित पिथौरागढ़ के अंतिम गाँव नामिक के सभी हॉस्मस्टे चालकों को लाभ मिलेगा। इसी उद्देश्य को लेकर युवा समाजसेवी भूपेन्द्र कोरंगा,बंदे मातरम् ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह दानु एवं द डोईस ग्रुप के सौरभ कोहली, लीती होस्टे कैंपिंग और ट्रैकिंग के भूपेन्द्र कोरंगा एवं दानपुर हिल्स के धीरज कोरंगा द्वारा संयुक्त रूप से हर महीने में दो ट्रैक नामिक ग्लेशियर करवाने का संकल्प किया है।
नामिक में पर्यटकों की खास सुविधा |
जिसके चलते आयोजकों ने बताया कि एक जून से पाँच जून तक पहला ट्रैक जिसमें पर्यटक लीती और नामिक गाँव के होमस्टे में रुककर पहाड़ी रहन सहन और ख़ान पान, कीवी फल की खेती की जानकारी, लोक कला संस्कृति झोडा चाचरी , लोकल उत्पादों को क़रीब से समझेगा और नामिक ग्लेशियर ट्रैक की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट भी तैयार करेगा। इस मुहिम को लेकर ग्राम प्रधान लीती चामू कोरंगा, ग्राम प्रधान गोगिना शीतल देवी और नामिक के ग्राम प्रधान तुलसी देवी सहित समस्त होमस्टे चालकों ने आयोजक युवाओं की सराहना की है।