कठिन परिश्रम के बाद गिरीश जोशी बना युवा गायक, आप भी पढ़ें इनकी जीवनी Girish Joshi Biography Lifestyle
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| Girish joshi Biography |
"सफलता के लिए आत्म विश्वास होना जरुरी है" इस पंक्ति का श्रेय जाता है कुमाऊनी युवा गायक गिरीश जोशी पर। जी हां कई युवाओं ने अपनी संस्कृति को संजोये रखना एवं अपने गीत संगीत के माध्यम से पहाड़ी बोली को लोगों तक पहुँचाने में काफी भूमिका रही है। इन्हीं युवाओं में से एक युवा है गिरीश जोशी। जो बीते 7-8 सालों से उत्तराखंड संगीत जगत में अहम भूमिका निभा रहे हैं। गिरीश जोशी ने काफी संघर्ष किया है जिसका फल उन्हें वर्तमान में मिल रहा है। गिरीश ने 2017 में पहला गीत रिकॉर्ड किया, इस गीत के बोल "हिट हिमा सुकुण्डा ताल" थे। इस गीत को काफी लोगों ने पसंद किया। गिरीश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण से वह लगातार गीत लोगों के बीच में नहीं ला पाये, फिर भी उनका प्रयास था कि वह अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाएं। निजी नौकरी के साथ-साथ समय निकालकर गीतों की रिकॉर्डिंग करते रहे। इसी बीच कई गीत रिलीज हुई और लोगों का प्यार मिलता रहा।
युवा गायक गिरीश ने बताया कि उनकी रूचि संगीत में स्कूल समय से ही थी। इस रूचि (शौक) को स्थिर रखने के लिए काफी परिश्रम करना पड़ा। जिसके बाद गिरीश जोशी ने कई धार्मिक, पारंपरिक झोड़ा-चाचरी, माता भजन गीतों में अपनी मधुर आवाज दी। गिरीश जोशी ने बताया कि उनका हाल ही में एक झोड़ा चाचरी गीत को काफी प्यार मिल रहा है। गीत को रिलीज होते ही यूट्यूब पर हजारों दर्शकों ने सुना । गीत के बोल "सब कैं चैं हल्द्वानी मकान" इस गीत को 1 महीने में 3 लाख से भी अधिक लोगों ने यूट्यूब पर सुन लिया। इस गीत से पहाड़ से पलायन हो रहे युवाओं को बड़ा संदेश जाता है। इस गीत का वर्णन गिरीश जोशी और फौजी हास्य कालाकार कुंदन बोरा ने किया है। जो अपने मधुर आवाज में रिकॉर्ड कर गिरीश जोशी म्यूजिक Girish Joshi Music चैनल पर अपलोड किया है। गिरीश जोशी का कहना है कि जिस गीत को लिखूंगा उस गीत में पहाड़ की पीड़ा को हकीकत तौर पर दर्शाने की कोशिश रहती है। गिरीश जोशी बड़े बड़े हिंदी सिनेमा और उत्तराखंड के कलाकारों की मिमिक्री भी काफी अच्छा करते हैं।
युवा गायक गिरीश जोशी की जीवनी Singer Girish Joshi Biography lifestyle
गिरीश जोशी का पूरा नाम -गिरीश चंद्र जोशी है। गिरीश जोशी जन्म 1993 को ख्याली दत्त जोशी के घर गाँव पोथिंग तहसील कपकोट जनपद बागेश्वर (उत्तराखंड) में हुआ। गिरीश जोशी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से हुई। जिसके बाद वह 6वीं की पढ़ाई अपने गाँव पोथिंग से की। 12वीं की पढ़ाई जीआईसी कपकोट से पूरी की। गिरीश जोशी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गिरीश जोशी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उन्हें 12वीं के बाद नौकरी की तलाश में घर से शहर की ओर निकले। उन्होंने दिल्ली, हरियाणा जैसे बड़े शहरों में नौकरी की और उनका मन नहीं लगा फिर उन्होंने उत्तराखंड लौटाने का निर्णय लिया और सोचा की नौकरी जो भी हो अपने ही राज्य में रहकर करनी है तथा साथ साथ में गीत संगीत का कार्य भी चलता रहे। इसी सोच को लेकर गिरीश जोशी ने हल्द्वानी में रहकर अब पहाड़ की संस्कृति के लिए कार्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि गिरीश जोशी शादी नहीं हुई है।
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| Superhit song |
गिरीश जोशी का सुपरहिट गीत "सब कैं चैं हल्द्वानी मकान" के बारे में पढ़ें
Girish Joshi Superhit Song
गिरीश जोशी ने "सब कैं चैं हल्द्वानी मकान" गीत में अपनी मधुर आवाज दी है। संगीत नीरज नयाल द्वारा दिया गया। गीत को हास्य कलाकार फौजी कुंदन बोरा और गिरीश जोशी ने लिखा है। गीत को Girish Joshi Music यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। गीत में पहाड़ के युवाओं की पीड़ा को दर्शाया गया है जिन युवाओं की उम्र बढ़ते जा रही है और जीवन साथी की तलाश में हैं , उन्हें जीवन साथी नहीं मिल पा रही है कारण लड़के की सरकारी नौकरी और हल्द्वानी में घर होने की मांग है। इसी पीड़ा को युवा गायक गिरीश जोशी ने अपनी आवाज में गाकर युवाओं और बेरोजगारों का दिल जीता है साथ ही एक बड़ा संदेश समाज को दिया है।
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| O saru kumaoni song poster |
गिरीश जोशी के लोकप्रिय गीत कुछ इस प्रकार .. Girish Joshi Song
हिट हिमा सुकुण्डा ताल
भगवती माता भजन
कैसी रुँला मेरी हिमा प्रदेश में
जन्मभूमि मेरो उत्तराखंड
उत्तराखंड की शान
स्याई हुनी दावत मैं चिठ्ठी लेखनी
मेरी केमू गाड़ी
हल्द्वानी में चैं घर
छोरी चनारा
मेरी हिमुली
ओ सरु (झोड़ा चाचरी)
जमुना स्याळी
रंगीली मोतिमा
अमा त्यारा गोरु उज्याड़
यशोदा मैय्या
घुट घुट बाटुली



