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सबसे कम उम्र की शामा जिला पंचायत सदस्य बनी विजया कोरंगा , क्या है चुनाव जीतने का राज...?

विजया कोरंगा सबसे कम उम्र की शामा जिला पंचायत सदस्य बनी, क्या है चुनाव जीतने का राज...

Vijaya Karanga Bageshwar zila panchayat member Shama (Bageshwar)

विजया कोरंगा शामा जिला पंचायत सदस्य


उत्तराखंड पंचायत चुनाव में बेटियों की बढ़-चढ़कर भागीदारी देखने को मिली है इतना ही नहीं बल्कि प्रदेश की अधिकांश बेटियों ने अपने गांव से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ते हुए शानदार जीत भी हासिल की है जिसके बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी क्रम में बागेश्वर जिले की 28 वर्षीय विजया कोरंगा ने शामा से निर्दलीय जिला पंचायत का चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई है। बताते चले इस बार ग्रामीणों ने युवाओं पर अधिक भरोसा करते हुए उन्हें चुनाव जितवाया है जिनकी उम्मीद पर खरा उतरना अब युवाओं की जिम्मेदारी है। विजया कोरंगा को उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा के सहयोगी बताया गया है। विजया कोरंगा को जीत दिलाने में भूपेंद्र कोरंगा का काफी सहयोग रहा है। भूपेंद्र कोरंगा खुद बड़ेत क्षेत्र पंचायत से चुनाव लड़ रहे थे, उन्होंने बड़ेत से ज्यादा समय शामा जिला पंचायत विजया कोरंगा के प्रचार प्रसार में लगाया। जिसके बाद विजया कोरंगा ने जीत हासिल की और बड़ेत से भूपेंद्र कोरंगा 10 प्रतिशत करीब ही वोट ले पाये। जिसके बाद वह तीसरे नंबर पर रहे।

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के शामा से 28 वर्षीय विजया ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है। जिसमें उन्होंने 1522 वोटो से अपनी प्रतिद्वंदी को करारी शिकस्त दी है। रवीना ने अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा अधिकृत प्रत्याशी चम्पा कोरंगा को 1522 वोटो से हराया। जबकि रवीना को कुल 3678 वोट हासिल हुए। जिसकी बदौलत उन्होंने जिला पंचायत के पद पर बाजी मारी। राजनीति पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती है विजया कोरंगा जो ग्रामवासियों की उम्मीदों पर खरी उतरी है इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने जीत हासिल करके यह भी साबित कर दिया कि युवा नेतृत्व अब सिर्फ भागीदारी नहीं बल्कि दिशा देने के लिए भी तैयार है। विजया कोरंगा की शादी अभी नहीं हुई है जिनकी ऐतिहासिक जीत के बाद से उनके गांव शामा में खुशी की लहर दौड़ गई है। समय के साथ बदलाव होना भी आवश्यक है व युवा महिलाओं की भागीदारी और प्रभावशाली उपस्थिति का संकेत भी है जो आने वाले समय में उन्हें और अधिक मजबूती से उभारेगा।