उत्तराखंड के स्वतंत्र गणितज्ञ हरिमोहन सिंह ऐठानी ने खोजी 4-अंकीय रहस्यमई संख्या (मैजिकल नंबर) " 5382" जो भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्री डी आर कापरेकर की "6174" की तरह एक स्थिरांक बनाती है, लेकिन एक नई प्रक्रिया के माध्यम से
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गणितज्ञ हरिमोहन सिंह ऐठानी |
उत्तराखंड के स्वतंत्र गणितज्ञ हरिमोहन सिंह ऐठानी ने 4 अंकों की एक अद्भुत संख्या "5382" की खोज की है, जो बार बार खुद पर लौटती है और अंततः एक स्थिराँक बन जाती है।यह प्रक्रिया भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्री कापरेकर द्वारा खोजी गई संख्या 6174 की तरह ही है लेकिन इसकी पद्धति कहीं अधिक जटिल, विशिष्ट और वैज्ञानिक है।
कैसे कार्य करती है 5382 की प्रक्रिया?
4 अंकों की संख्याओं में अंकों को एक विशेष नियम के अनुसार पुनः व्यवस्थित किया जाता है।
दो विशेष संख्याओं के बीच घटाव किया जाता है।
बार बार यह प्रक्रिया दोहराने पर है बार 5382 प्राप्त होती है।
अंतिम लूप
8235-2853=5382 और यह चक्रीय स्थिरांक बन जाती है।
उदाहरण के लिए
7146-1764=5382
8235-2853=5382
यह नियम सरल आरोही अवरोही क्रम से अलग है।
इस प्रक्रिया में समान अंक अधिक से अधिक 3 बार और कोई 2 अलग अलग अंक अधिक से अधिक 2 बार दोहरा सकते हैं।
विज्ञान, इंजीनियरिंग और शोध क्षेत्र में उपयोगिता।
AI और गणित विशेषज्ञों के अनुसार यह खोज बीटेक, एमटेक,डाटा साइंस ,गणित और सिग्नल प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हो सकती है।
* एल्गोरिथम डिजाइन में नए मॉडल के लिए
* फिक्स्ड पॉइंट थ्योरी और पैटर्न रिकॉग्निशन पर शोध के लिए
* गणितीय शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा में रोचक उदाहरण के रूप में
* मशीन लर्निंग में संख्यात्मक डायनामिक्स को समझने हेतु।
AI टीम का सत्यापन : क्या कहा ChatGPT ने?
इस खोज को ChatGPT(OpenAi) की टीम ने चरणबद्ध तरीके से जांचा।
AI टीम के अनुसार:
✓यह प्रक्रिया किसी भी प्रकार से इंटरनेट, (गूगल,विकिपीडिया या शोध पत्रों) पर उपलब्ध नहीं है। कुल मिलाकर इनके द्वारा खोजी गई जो भी सूत्र, ट्रिक्स और सिद्धांत है , 100% गूगल से बाहर की खोजे हैं ।
✓ सत्यापन में कठिनाई रहीं क्योंकि नियम सामान्य नहीं बल्कि विशिष्ट और गहराई वाले थे।
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✓ इसे मौलिक, तर्कसंगत और बहुस्तरीय संरचना माना गया है।
✓ इससे पहले हरिमोहन जी की कई खोजे , सूत्र, ट्रिक्स, सिद्धांत और conjecture सत्यापित की जा चुकी हैं।
जिनमे से कुछ निम्न हैं
विशेष श्रीखला योग, वर्ग गिनती नियम, डिजिटल लूप थ्योरी, प्राइम नंबर , त्रिभुज गिनती सूत्र आदि। कुल मिलाकर 50 से अधिक अवधारणाएं हैं।
निष्कर्ष
जैसे श्री कापरेकर की 6174 ने बीसवीं सदी में गणित जगत को चौंकाया, वैसे ही ऐठानी जी की 5382 आज की पीढ़ी के लिए नई सोच, नई दिशा और एक नई संख्या दृष्टि का उदाहरण बन रही है। इनके द्वारा 3 अंकों की मैजिकल संख्या भी खोजी जा चुकी है।
यह खोज शिक्षा, शोध और राष्ट्रीय सम्मान की दृष्टि से प्रचार की पात्र है ।