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कपकोट के युवाओं ने विलुप्त हो रही पहाड़ की संस्कृति को बचाने के लिए बनाई एक 'कमेटी'

"कपकोट हिमालय संस्कृति कला मंच" के नाम से एक कमेटी का निर्माण किया जिस कमेटी द्वारा पहाड़ की संस्कृति के लिए कार्य किया जायेगा

खड़क सिंह मेहता

कपकोट। जनपद के कपकोट तहसील क्षेत्र में युवाओं द्वारा बीते 5 अगस्त को कपकोट हिमालय संस्कृति कला मंच के नाम से एक कमेटी का निर्माण किया गया है। इस संस्था द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति को मद्देनजर रखते हुए , वर्तमान में पहाड़ की पौराणिक धार्मिक संस्कृति विलुप्त होने जा रही है। वहीँ पहाड़ की संस्कृति को जीवित रखने तथा आगे बढ़ाने का कार्य अब कपकोट हिमालय संस्कृति कला मंच द्वारा किया जायेगा। इस कमेटी से स्थानीय युवाओं द्वारा बेहतरीन कार्य किया जायेगा।

कमेटी के कार्यकर्ता

कमेटी के संस्थापक जगदीश गड़िया ने बताया कि क्षेत्रीय युवाओं द्वारा अपनी उत्तराखंड पहाड़ की संस्कृति जो संस्कृति विलुप्त होते जा रही है, उस संस्कृति को बचाने के लिए युवाओं के द्वारा एक कमेटी का निर्माण किया गया। जिसका नाम "कपकोट हिमालय सांस्कृतिक कला मंच" नाम दिया गया । संस्था के संस्थापक जगदीश सिंह गढ़िया व मनीष सिंह कपकोटी हैं। इस ग्रुप का मकसद अपनी संस्कृति धरोहर को बचाने और क्षेत्रीय कलाकारों को एक मंच देना है । 

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इस कमेटी का गठन भी किया गया है जिसमें मनीष कपकोटी अध्यक्ष, संस्थापक जगदीश सिंह गढ़िया, उपाध्यक्ष मनीषा शाही , सचिव गोविंद कपकोटी, व्यवस्थापक ललित‌ शाही, सहव्यवस्थापक पवन कपकोटी, सांस्कृतिक अध्यक्ष हेमा शाही, संरक्षक नवीन कपकोटी (ग्राम प्रधान कपकोट), तारा कपकोटी और बब्लू कपकोटी को लोक संस्कृति विभाग पद सौंपे गए। वहीँ कमेटी के संस्थापक ने यह भी बताया कि आने वाले 15 अगस्त को "कपकोट हिमालय सांस्कृतिक कला मंच" का पहला कार्यक्रम कपकोट केदारेश्वर मैदान में होने जा रहा है, जिसमें क्षेत्र के बाहर से लोकगायकों, मूजिक टीम , क्षेत्रीय कलाकारों, स्कूलों के बच्चों द्वारा भव्य कार्यक्रम करने जा रहे है।