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मनोज का पारम्परिक झोड़ा गीत 'चौमास लगी गे' लोगों द्वारा किया जा रहा बेहद पसंद

 

         उत्तराखंड की संस्कृति के जगत को अमर रख रहे कई लोक  कलाकार हैं, जो कई सालों से अपनी पहाड़ की सुंदरता व रीति रिवाजों को बढ़ाने में अपना योगदान देते आ रहे है। इन्ही कलाकारों में से एक उभरता सितारा  लोकगायक मनोज सामन्त भी हैं जिनकी सुंदर आवाज हर संगीत प्रेमी के कानों में गूँजती है। मनोज का हाल ही में एक पारम्परिक गीत झोड़ा 'चौमास लागी गे' हाल ही में रिलीज हुवा है यह गीत को केदार रिकॉडिंग स्टूडियो देहरादून से रिकॉर्ड किया गया है इस गीत में संगीत पवन गुंसाई द्वारा दिया गया । 


          इस वीडियो झोड़ा गीत में उत्तराखंड के पहाड़ों में महिलाओं द्वारा खेतों व जंगलो में काम करते हुए दर्शया गया है। मनोज सामन्त जिला  पिथौरागढ़ विकाशखण्ड गंगोलीहाट पाली के रहने वाले हैं मनोज द्वारा बहुत सारे गीत  लिखे व गाये गए हैं । इनके गीतों की  विशेषता  तीज-त्यौहार , पलायन व  पशु पक्षियों समाज से जुड़े पहलुओं पर आधारित रहते हैं । मनोज के कई गीत सुपर हिट भी रहे है । संगीत जगत के अच्छे अनुभवी कलाकारों में से एक हैं ।
         मनोज सामन्त का कहना है कि गीत को हजारों दर्शकों द्वारा  यूट्यूब, इंस्टाग्राम व फेसबुक में पसन्द किया जा रहा है। इसमें झोड़ा गीत में कई लोगों द्वारा इंस्टाग्राम में रिल्स वीडियो भी बना रहे हैं । इस गीत में चौमास में होने वाली रुपाई गुड़ाई व गुड़ाई करते वक्त हुड़किया बोल, हरेला पर्व रक्षाबंधन व पहाड़ में होने वाले त्योहारों के बारे में बताया गया है।