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अल्मोड़ा: सोमेश्वर के भूलगांव की मंजू रावत ने ऐपण को बनाया स्वरोजगार का जरिया

अल्मोड़ा: सोमेश्वर के भूलगांव की मंजू रावत ने ऐपण को बनाया स्वरोजगार का जरिया 
 ऐपण कलाकार मंजू रावत

कहते हैं कि अपनी जड़ों से जुड़ा इंसान हमेशा खास होता है। सोमेश्वर घाटी की मंजू रावत आज हल्द्वानी में रहकर उस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर की आत्मा है यानी ऐपण कला। आपको बता दें कि ऐपण जो मूल रूप में लाल मिट्टी (गेरू) और चावल के घोल से घर-आंगन की चौखटों, पूजा स्थलों पर कुछ ख़ास पर्व-त्योहारों या शुभ कार्यों में बनाया जाता था।

आज बाजार में अपनी जगह बना चुका है और शुभता और समृद्धि के प्रतीक को देवभूमि में कई महिलाएं स्वरोजगार के तौर पर भी अपना रही हैं। उन्हीं में से एक है मंजू रावत, जिनके हाथों से बनी कृतियां परंपरा की खुशबू के साथ-साथ आज के समय की खूबसूरती भी समेटे हुए हैं। मंजू द्वारा कई चीजें और डिजाइन ऐपण आर्ट में बनाए जाते हैं जिनमें से ऐपण वॉल हैंगिंग फ्रेम, करवा चौथ सेट, पूजा थाली, फ्लावर पॉट, की-चैन, ट्रे, ऐपण हैंगिंग वॉल क्लॉक आदि हैं।