Header Ad

मेघना चंद्रा Meghna Chandra का नथुली Nathuli गीत हुआ रिलीज, लोगों को खूब आ रहा पसंद गीत को महेश कुमार ने लिखा.. पढ़े पूरी खबर


अपनी संस्कृति को लेकर काफी समय से काम कर रही मेघना चंद्रा का एक और पारम्परिक गीत नथुली में भी अपनी मधुर स्वर दिये हैं पढ़ें नीचे

‌कुमाऊं की युवा गायिका मेघना चंद्रा का नथुनी गीत गीत हाल में ही रिलीज हुआ है नथुनी गीत सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है । इस नथुली गीत के फेसबुक , इंस्ट्राग्राम व यूट्यूब पर कई संगीत प्रेमी रील्स बना रहे हैं । यह नथुली गीत लोगों की पसंद बन चुका। इस गीत को कुमाऊं के युवा गायक व चर्चित गीतकार महेश कुमार ने लिखा है गीत में अपनी पहाड़ की रीति-रिवाजों संस्कृति का वर्णन कर एक अच्छा लेख लिखा है। मेघना चंद्रा कई सुपरहिट गीत यूट्यूब के माध्यम से लोगों के बीच लाई हैं जो सभी संगीत-प्रेमियों ने काफी पसंद किए। 

मेघना के गीतों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं इसकी में संगीत जाने-माने संगीतकार आसीम मंगोली ने दिया है, पहाड़ में ढोल , दमाऊ, रणसिंह, हुड़की का भी जिक्र इस गीत में किया गया है तथा पहाड़ की नारी का पहनावा नथुली ग्लो बंद, पिछोड़ी आदि का वर्णन बहुत सुंदर तरीके से महेश कुमार ने किया है। इस तरह के गीत जो पहाड़ का पूरा निचोड़ निकाल कर एक ही गीत में गीत के मैं जिक्र किया जाए यह बहुत ही कम गीतों में सुनने को आता हैं। मेघना चंद्रा की मधुर आवाज सभी संगीत प्रेमियों को लुभा जाती है, तथा मेघना के गीतों का इंतजार हर संगीत-प्रेमी को रहता है । यह नथुनी गीत मेघना चंद्रा के ऑफिशल यूट्यूब चैनल से रिलीज़ किया गया है। गीत को पंकज कंडारी ने एडिट किया है

मेघना चंद्रा व महेश कुमार

‌गीत के बोल कुछ इस तरह से महेश कुमार ने लिखे हैं जो आप समय दे के पढ़ सकते हैं-

नाखे मा मथुली मेरी डोरी काना पूजी रु

गावो मा को ग्लो बंदा गावे सोभा बड़े रु। 

कती सूडी मसक बीन कती दामु नगरा

चैत बैसाख जेठ असाड रौनक एजे मेरो पहाड़ 

कोरस- रौत्यालु मेरो मुलुक ऐजै बाहारा 

आहा रे आहा रे आहा रे मेरो पहाडा 

अंतरा-  कती सूडी ढोल दामों की दम 

            कती राडसिंह को बाजा 

कती बाजू मसक बीन 

कती हुडूके की घमा

खेतो मै चेली बेटी गानी मीठा गीत हो गनी मीठा गीत।  

ख्वारे की पिछोड़ी भली रीति रिवाजा निभे लियू

गावो मा को ग्लो बंदा गावे सोभा बड़े रु।  

कती सूडी मसक बीन कती दामु नगरा

चैत बैसाख जेठ असाड रौनक एजे मेरो पहाड़

अंतरा- लूटी रूनी हिसालू की हांगी 

   आखोड दाडीम  खुमानी

   रोला नोल गधेरी मा  रुछो

मीठो बाजे जड़ों को पाणी 

लंबी लम्बी  घस्यारियो की लागी  रुछी लेन लगी रु छी लेन

घा की गढ़ोई घस्यारियोक  ख्वारे मा जी छाजी रु

गावो मा को ग्लो बंदा गावे सोभा बड़े रु। 

कती सूडी मसक बीन कती दामु नगरा

चैत बैसाख जेठ असाड रौनक एजे मेरो पहाड़

अंतरा- आहा कतु  भलो मानी छा

            रंगीलो मेरो पहाड़

तीज त्यौहार हो ब्या काज 

             निभूनी पहाड़ी रिवाज

केका ख्वार रंगीली टोपी (कैका ख्वार रंग्याली पिछोड़ी )2

कैका आंग धोती बिलोजा कैका आंग घागरी रु

गावो मा को ग्लो बंदा गावे सोभा बड़े रु। 

कती सूडी मसक बीन कती दामु नगरा

चैत बैसाख जेठ असाड रौनक एजे मेरो पहाड़

कोरस- रौत्यालु मेरो मुलुक ऐजै बाहारा 

आहा रे आहा रे आहा रे मेरो पहाडा