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मुख्यमंत्री धामी को गांव की समस्या का ज्ञापन देने पहुंचे कपकोट के युवा, सभी युवाओं को पुलिस ने किया 6 घंटे नजरबंद पढ़ें पूरी खबर..UttarakhandNewsVaani


कपकोट।
विधानसभा कपकोट के केदारेश्वर मैंदान में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आगमन पर भाजपा के स्थानीय विधायक समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने भव्य स्वागत किया । कई दिनों से मुख्यमंत्री आने की चर्चाएं विधानसभा कपकोट में चल रही थी तथा कपकोट के युवाओं की मांग केदारेश्वर मैंदान को मिनी स्टेडियम बनाने थी। जिस पर आज मुख्यमंत्री ने घोषणा कर जल्द ही केदारेश्वर मिनी स्टेडियम बनाने का आश्वासन युवाओं व कपकोट की जनता को दिया। कपकोट के कई दूरस्थ क्षेत्रों में दूरसंचार मोबाईल नेटवर्क की मुख्य समस्या कई सालों से है ऐसी ही समस्या को लेकर कपकोट के लीती गाँव मे कई सालों से बंद पड़ा हुआ मोबाईल नेटवर्क को लेकर वहां के युवा भूपेंद्र कोरंगा मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने पहुँचे। उन्होंने इसका जिक्र अपने फेसबुक अकाउंट पर भी किया था। इसी को लेकर भूपेंद्र कोरंगा वर्तमान में कपकोट विधानसभा के कांग्रेस प्रवक्ता हैं। केदारेश्वर में होने वाले कार्यक्रम के दौरान विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस की नजर विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं पर थी और ज्ञापन देने से पहले ही पुलिस ने भूपेंद्र कोरंगा को नजरबंद कर दिया। 
युवा भूपेंद्र कोरंगा

भूपेंद्र कोरंगा ने बताया कि मैं और मेरे साथी मुख्यमत्री जी को ज्ञापन देने जा रहे थे। मुझे रास्ते से पुलिस ने अपनी गाड़ी में डालकर ज्ञापन अपने पास रखकर कपकोट थाने में लगभग 6 घंटे नजरबंद करके हमारी आवाज को दबाने का काम किया। पुलिस प्रशासन के समझाने के बाद मैने अपने आत्मदाह के बयान को वापस लिया। एस. डी. एम. कपकोट ने बताया कि लीती बीएसएनएल के टावर को 4G अपग्रेट करने में 12 लाख रूपए का खर्च आ रहा है, जिसको जिला अधिकारी बागेश्वर अतिशीघ्र जिला योजना में देकर काम शुरू करवाएंगे। जिओ के टावर को संचालित करने को लेकर हमने पुनः पत्र मेल किया एवं एस. डी. एम. कपकोट ने जिओ के अधिकारियों से बात करके बात उनके संज्ञान में डाली। आज के इस पूरे प्रकरण से सरकार के जनविरोधी सोच पुनः प्रदर्शित हुई। इस पूरे मामले में मेरे साथ मेरे सहयोगी बलवंत कोरंगा जी, नारायण कोरंगा जी एवं मुकेश कोरंगा जी थे।

यहीं भूपेंद्र कोरंगा व उनके साथियों का कहना है कि  आखिर आम आदमी बात रखने के लिए जाए तो कहां जाए। कहीं न कहीं आज लोकतंत्र की आवाज को दबाया जा रहा है। हम इस कार्रवाई को लेकर ऐतराज जताते है, आखिर मुख्यमंत्री जी कब अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। जिस तरह से आज सरकार पुलिस प्रशासन को अलर्ट करावा रही है, आवाज उठाने वाले युवाओं को नजरबंद कराने के लिए इसी तरह से क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर अपने मंत्रीमंडलों और विभागीय अघिकारियों को अलर्ट्स कराते तो आज अलग अलग जिलों में रोष प्रदर्शन नहीं होते काले झंडे नही निकलते।

युवाओं ने बताया कि महोदय जी हम खुद नहीं चाहते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री जी का अपमान हो हमारे राज्य का नाम खराब हो आप नजरबंद कराके बेरोजगारों व शोषितों बंचितों और युवाओं की आवाज को नही दबा सकते हैमहोदय क्या यही दिन देखने के लिए जनता ने आपके पार्टी को पूर्ण बहुमत की सरकार दी थी, आज का युवा उड़ना चाहता है और आपके शासन में उन्हें कैद करके रखा जा रहा है कम से कम आपसे तो यह उम्मीद नहीं थी। इसी के साथ ही भूपेंद्र ने कहा कि आज पहाङों में पहाड़ जैसे विकराल हालात बने हुए हैं, आज पहाड़ का युवा पूछता है क्या हमारे हिस्से के अच्छे दिन यही हैं अगर हैं तो फिर हम ऐसे दिनों को बदलना चाहेंगे। इस अवसर पर भूपेंद्र सिंह कोरंगा, नारायण कोरंगा, मुकेश कोरंगा, प्रवीण कोरंगा आदि युवा मौजूद थे।